Sunday, May 19, 2019

गोण्डा : इटियाथोक क्षेत्र में छुट्टा मवेशी बने किसानों के लिए मुसीबत// प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा : इटियाथोक क्षेत्र में छुट्टा मवेशी बने किसानों के लिए मुसीबत// प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक क्षेत्र में आवारा पशुओं की तादाद दिन पर दिन बढ़ने से किसान आह भर रहे हैं। पशुओ के झुंड खेतों में पहुंचकर किसानों द्वारा कड़ी मेहनत से उगायी गई फसलों को देखते ही देखते चट कर जाते हैं जो किसानों के लिए जटिल समस्या बनती जा रही है। जहां किसान पहले रात को अपने
अपने घरों में चैन की नींद सोए रहते थे, लेकिन अब उन्हें इस भीषण गर्मी में पशुओं द्वारा नुकसान के डर से रातों में टॉर्च व डंडे लेकर रातभर पशुओं को खदेड़ते रहते हैं ताकि वे अपनी फसलो को शायद बचा सके। रात हो या दिन सैकड़ों की संख्या में आवारा छुट्टा पशु खेतों में हमला बोलकर देखते ही देखते फसलों को चट कर जाते हैं और बची खुची फसलों को अपने पैरो तले रौंदकर बर्बाद कर देते है। कुछ बड़े और मजबूत किसानों ने अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों के किनारे कटीले तारों की बैरिकेडिंग करा रखी है, लेकिन असंख्य आवारा पशुओं का झुंड उन्हें भी लाघंकर फसलों को चर जाते हैं। कमजोर किसान इस महंगे तार को भी नही ला पा रहे है। जो कंटीला तार 2 साल पूर्व 50 रुपये प्रति किलोग्राम था वह आज 100 के करीब आ गया है।

बीते साल हुये नुकसान को देखते हुए इस वर्ष कुछ कमजोर किसानों ने फसल बोना ही छोड़ दिया है। कई छोटे किसान अब मजबूरी में सब्जी खरीदकर बाजारों में बेचकर अपना गुजारा कर रहे। ब्लाक क्षेत्र में तमाम गांव के किसान आवारा मवेशियों से इन दिनों काफी त्रस्त है। वेदपुर गांव के किसान राधिका ने बताया कि उन्होंने काफी मेहनत से मटर बोई थी लेकिन आवारा पशुओं ने पलक झपकते ही उनकी मेहनत को मिट्टी में मिला दिया। इन्होंने बताया कि मवेशियों की वजह से कोई फसल नहीं बच पा रही है। खेतों में बुवाई के बाद हरियाली आते ही मवेशी उसको चटकर जाते हैं। क्षेत्र के रामशंकर, जानकी, रामतेज आदि ने कहा की पूरे परिवार के पालन-पोषण का खेती ही एक मात्र विकल्प है, वह भी आवारा पशुओं के कारण बर्बाद हो रही है। ब्लाक क्षेत्र में छुट्टा घुमंतु मवेशियों के झुण्डों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। खेतो से खदेड़ने पर आवारा जानवर हिंसक होते जा रहे हैं। बीते साल से अबतक इन्होंने कई किसानो पर हमला बोलकर उनको चोटिल किया है। सरकार द्वारा किसानों के लिए कोई भी राहत ना देने पर व नुकसान भरपाई न किए जाने पर धीरे-धीरे किसानों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। इन आवारा पशुओं के कारण अनेक अन्नदाता पूरी तरह से कर्ज में डूबकर आर्थिक तंगी के शिकार हो चुके है। क्षेत्र के किसानों के लिए यह छुट्टा जानवर परेशानी के सबब बन गए हैं, जिससे क्षेत्र के किसान काफी चिंतित है। कई किसानो ने कहा कि छुट्टा जानवरों के झुंड फसल से होकर निकलते हैं, जिससे किसानों के जीविकोपार्जन की सहारा खेतों में लहलहा रही फसल रौंदकर बर्बाद हो रही हैं।

यहाँ पर अब किसानो को खेती करना घाटे का सौदा साबित होने लगा है, क्योंकि बुआई से मड़ाई कटाई अनाज घर लाने तक तमाम खर्च और छुट्टा जानवरों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है। ब्लाक क्षेत्र में काफी दिनों से बहु संख्या में छुट्टा सांडो का आतंक व्याप्त है। यह झुण्ड के झुंड किसानो के खेतों की लहलहाती फ़सलों को नष्ट कर रहे हैं। यह जानवर हरे भरे फसल को खाकर व पैरो तले रौंदकर बर्बाद कर रहे है और किसान चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे है।

प्रशासन किसानो की इस समस्या पर गौर नही कर रहा है, जिस वजह क्षेत्रीय किसानो में यहाँ काफी रोष व्याप्त है। फसलों की हालत देख किसान बदहाली के आंसू रो रहे हैं। ब्लाक के हर्रैया झूमन, जगन्नाथीपुर, वेदपुर, बहोरीपुर, परसिया, चुरीहारपुर, गोसेन्द्रपुर, गजाधरपुर, अयाह, विशुनपुर तिवारी, शिवपुरिया, बसवरिया, रमगढ़िया, कंधई पुरवा, अमारेभरिया, मोहनपुर असिधा, इमिलिया रामनाथ, रमवापुर नायक, कर्मडीहकला, मध्यनगर, अहिरौलिया सहित सैकडो गांवो में फसलों को प्रतिदिन दर्जनों की संख्या मे घुमन्तु छुट्टा जानवर नष्ट कर रहे है और किसान रातरात जागकर फसल को बचाने की जुगत करता हैं। किन्तु यह जानवर फ़सलों को पलभर में बर्बाद करके दूसरी तरफ चल देते है। ऐसे में किसान बदहाली जीवन जीने को मजबूर है।

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