Saturday, March 9, 2019

गोण्डा : मनकापुर आईटीआई ने तैयार की स्वचालित सेनेट्री नैपकिन बेडिंग मशीन// प्रदीप पांडेय,

गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय) मनकापुर स्थित इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज (आईटीआई) के खाते में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है। संस्थान के अभियंताओं द्वारा तैयार की गई स्वचालित सेनेट्री नैपकिन बेडिंग मशीन का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही संस्थान में सेनेट्री नैपकिन डिस्पोजल मशीन (इंसिनरेटर) का निर्माण भी अंतिम चरण में है।

आईटीआई के महाप्रबंधक राजीव सेठ ने आज यहां बताया कि संस्थान के अभियंताओं ने कठोर परिश्रम के उपरांत स्वचालित सेनेट्री नैपकिन बेडिंग मशीन का निर्माण किया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में इस मशीन का लोकार्पण किया गया। उन्होंने बताया कि देश में 16-50 वर्ष आयु वर्ग की 38 करोड़ लड़कियों व महिलाओं में से करीब 80 फीसद विभिन्न कारणों से सेनेट्री नैपकिन (स्वच्छता पैड) का उपयोग नहीं कर पाती हैं।

इनमें जानकारी का अभाव और आर्थिक विपन्नता बड़ा कारण होने के साथ ही अधिसंख्य लड़कियों और महिलाओं में अभी वह खुलापन नहीं आ सका है, जिससे वे निःसंकोच भाव से किसी दुकान पर जाकर खुलेआम अपनी अनिवार्य जरूरत के लिए स्वच्छता पैड खरीद सकें। उन्होंने कहा कि उनकी इस समस्या को ध्यान में रखते हुए आईटीआई के अभियन्ताओं ने 'फ़्लोरा' नामक आटोमेटिक सेनेट्री नैपकिन बेडिंग मशीन का निर्माण किया है, जिससे कोई भी महिला या लडकी पैसे का भुगतान करके स्वतः स्वच्छता पैड प्राप्त कर सकती है।

डॉ. सेठ ने बताया कि आईटीआई परिसर में स्थित इग्नू के केंद्र से बीसीए करने वाले सुशील कुमार, योगेश कुमार, शिव शंकर और वीएस सचान की टीम ने जिस विद्युत चालित मशीन को तैयार किया है, उसे बैट्री से भी चलाया जा सकता है। इसके परिचालन पर बिजली की खपत 10 वाट से भी कम होगी। मशीन में एक साथ 35 स्वच्छता पैड रखे जा सकेंगे। मशीन एक, दो और पांच रुपए के सिक्कों को स्वीकार करेगी।

फुटकर सिक्के डालने पर पांच रुपए की रकम पूरी न होने तक सामने लगे डिस्प्ले बोर्ड पर मशीन बताती रहेगी कि अभी कितने रुपए कम हैं। पूरा पैसा मिलते ही डिस्प्ले बोर्ड पर धन्यवाद लिखकर आएगा और फिर मशीन के नीचे बने बॉक्स में पैड गिर जाएगा। यहां से उसे प्राप्त किया जा सकता है। एक बार में केवल एक पैड निकलेगा। एक से अधिक पैड लेने के लिए हर बार यही प्रक्रिया दुहरानी होगी। डिस्प्ले बोर्ड पर स्टॉक की स्थिति भी दिखती रहेगी। पैसा संकलन के लिए बगल में एक बॉक्स बना हुआ है। जिसे चाभी से खोला जा सकेगा।

करीब 12 किग्रा. वजनी यह मशीन 250 मिमी. लम्बी, 139 मिमी. चौड़ी और 902 मिमी. ऊंची है। इसकी कीमत जीएसटी समेत करीब 13 हजार रुपए है। इसे भीड़भाड़ वाले स्थानों विशेषकर महिलाओं की विशिष्ट मौजूदगी वाले जगहों यथा अस्पतालों, स्कूल, कालेज विश्व विद्यालयों, रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल, कार्यालयों आदि में स्थापित किया जा सकता है। लड़कियां व महिलाएं यहां बिना किसी शर्म के सिक्के डालकर सुगमता से पैड प्राप्त कर सकेंगी।

महाप्रबन्धक ने बताया कि अभियन्ताओं की यह टीम इन दिनों सेनिटरी नैपकिन डिस्पोजल मशीन (इंसिनरेटर) के निर्माण पर भी काम कर रही है क्योंकि पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए इस मशीन की भी सख्त जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस्तेमाल के बाद सामान्यतः यह पैड इधर-उधर फेंक दिया जाता है, जिससे मानव स्वास्थ्य के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचता है। डिस्पोजल मशीनें इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया द्वारा पैड को ईको फ्रेंडली तरीके से नष्ट करेंगी। सेकंडों में पैड राख में तब्दील हो जाएगा। एक सप्ताह के अंदर इस मशीन का भी लोकार्पण हो जाएगा।

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