Tuesday, March 12, 2019

गोण्डा : तुलसी जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा के विकास की मांग को लेकर हुई बैठक// राजन कुशवाहा

गोण्डा : तुलसी जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा के विकास की मांग को लेकर हुई बैठक// राजन कुशवाहा,

गोण्डा। परसपुर क्षेत्र के ग्राम राजापुर सूकरखेत स्थित तुलसी जन्मभूमि के विकास के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट एक बड़ी धनराशि गलत ढंग से निर्गत किया है। जिसमें सरकार ने गोण्डा जिला के सूकरखेत राजापुर प्रामाणिक तुलसी जन्मभूमि के बजाय अन्यत्र स्थान के नाम गलत ढंग से धनराशि निर्गत कर दिया।

जिस पर आपत्ति करते हुए तुलसी जन्मभूमि न्यास राजापुर सूकरखेत गोण्डा द्वारा आयोजित यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में मंगलवार को प्रेस वार्ता किया गया। जिसमें तुलसी जन्मभूमि विकास के लिए बजट प्रदान करने के संबंध में प्रेसवार्ता में कहा गया कि तुलसी जन्मभूमि राजापुर सुकरखेत गोण्डा में गोस्वामी जी के पिता के नाम आत्माराम टेपरा भू खंड राजस्व रिकॉर्डों में दर्ज है। उनके परिवार के लोग तुलसी आत्माराम तथा हुलसी के नाम श्राद्ध पिंडदान और तर्पण करते है।

गोण्डा के सूकरखेत में पौष मास में एक माह का विशाल मेला लगता है। गोस्वामी जी ने मानस में सूकरखेत का उल्लेख किया है। "मै पुनि निज गुरु सन सुनी कथा सो सूकरखेत"। दोहावली में जग बहराइच जाय तथा विनय पत्रिका में राजा मेरे राजा राम अवध नगर है संदर्भित किया है। कवितावली में गोस्वामी जी ने तुलसी तिहारो घर जायो है घर को। मै आपके घर का पैदा हुआ हूं।

डॉ स्वामी भगवदाचार्य ने बताया कि गोण्डा जिले का राजापुर सूकरखेत अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा में परिक्षेत्र में सम्मिलित है। गोस्वामी जी की भाषा अवधी है। उन्होंने बांदा के राजापुर का नाम पहले विक्रमपुर था। वहां की भाषा भी बुन्देली है। वहां सूकरखेत भी नहीं है। वहां की पांडुलिपि 150 वर्षों की परीक्षणों उपरांत सिद्ध हो चुकी है। जबकि गोस्वामी जी का काल 500 वर्षों पूर्व रहा। चित्रकूट का राजापुर तुलसी जन्मभूमि कदापि नहीं हो सकती है। युग तुलसी पंडित राम किंकर उपाध्याय, डॉ सूर्य प्रसाद दीक्षित, डॉ भगवती प्रसाद सिंह, डॉ राम जी तिवारी, डॉ विद्या निवास मिश्र, डॉ नामवर सिंह, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, श्री रामानंद सागर तथा अनूप जलोटा आदि विद्वानों ने अयोध्या के पास राजापुर सूकरखेत गोण्डा को तुलसी जन्मभूमि स्वीकार किया है।

जगतगुरू रामानुजाचार्य पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने यह कई बार कहा कि मेरे परमपूज्य गुरु देवरहा बाबा के पास चतुर्भुज शर्मा आए। उन्होंने महाराज जी से जोर देकर कहा कि मैंने विक्रमपुर को राजापुर करा दिया। फिर भी लोग तुलसी जन्मभूमि नहीं स्वीकार करते हैं। आप इसे तुलसी जन्मभूमि की अपने मुखारबिंद से घोषणा कर दीजिए तो प्रामाणिक हो जाएगा। श्री महाराज जी ने उन्हें इस गलत कार्य के लिए उनसे मना कर दिया।

इस को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री को सूचित किया जा चुका है। प्रेस वार्ता में मांग करते हुए कहा गया कि राजापुर चित्रकूट में सरकार द्वारा निर्गत बजट को रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की वास्तविक जन्मभूमि गोण्डा जिला में सूकरखेत स्थित सरयू तट राजापुर को निर्गत कराने की मांग की।

इस दौरान श्रीराम सागर शुक्ल वरिष्ठ पत्रकार, वीर विक्रम बहादुर मिश्र, डॉ करुणाशंकर दुबे, आकाशवाणी के पूर्व अधिकारी तथा अरुणेंद्र चन्द्र त्रिपाठी यूपी के विधानसभा के पूर्व संपादक तथा महंत जयरामदास आदि ने सरकार द्वारा निर्गत बजट को गोस्वामी तुलसीदास की प्रामाणिक जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा को उपलब्ध कराया जाने की मांग की।

1 comment:

  1. इस तथ्य को लेकर देश व्यापी अभियान जारी रखना चाहिए ।और गोस्वामी जी और गोण्डा जनपद के सभी तथ्य जनता को बतलाया जाना जरुरी है ।

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