Friday, October 27, 2017

गोण्डा- एल्गिन चरसडी बांध निर्माण की आस से खुश हुए माझावासी, बाढ़ के चपेट में आकर कई बार कट चुका दशक पूर्व बना बाँध,

गोण्डा।(राजन कुशवाहा)। सरयु- घाघरा नदी के बाढ़ तबाही के मंजर से बचाव के लिये एक दशक पूर्व एल्गिन- चरसडी तटबन्ध बनाया गया। जो सरयु घाघरा नदी बाढ़ के दौरान अब तक एल्गिन चरसड़ी तटबंध कई बार टूट चुका है। इससे होने वाली तबाही के मद्देनजर सूबे की सरकार इस तटबंध को निष्प्रयोज्य मान 96.35 करोड़ की लागत से अब नए तरीके में चरसड़ी बांध का निर्माण कराएगी। बताया जा रहा है कि तटबंध का निर्माण कार्य नवंबर से प्रारम्भ हो जाएगा। इसके बनने से गोण्डा, बाराबंकी व बहराइच जिले की तकरीबन बीस हजार हेक्टेयर भूमि समेत सैकडों ग्राम पंचायतों को बाढ़ की विनाशलीला से राहत मिलेगी। इस घोषणा के बाद बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्र के लोगों के चेहरे खिल उठे हैं।

सरयू-घाघरा नदी बरसात के समय उफान पर आ जाती है। जिसके उग्र तेवर व भीषण तबाही   को झेल पाना मुश्किल हो जाता है। बाढ़ के इस तबाही से बचाव के लिए वर्ष 2005-06 में सरकार ने 14.58 करोड़ की लागत से 52.400 किमी लंबा एल्गिन ब्रिज-चरसड़ी तटबंध का निर्माण कराया। बांध के बन जाने से गोण्डा, बाराबंकी व बहराइच जिले की सैकड़ों ग्राम पंचायतें व 19217.80 हेक्टेयर भूमि को बाढ़ से निजात मिली। मांझा क्षेत्र के लोगों ने बाढ़ से निजात महसूस किया।

किन्तु बरसात में घाघरा के उग्र तेवर को एल्गिन चरसड़ी तटबंध सम्हाल न सका। बनने के चार साल बाद 2010 में बाराबंकी के परसावल गांव के पास यह बाँध टूट गया। 2011 को बाराबंकी के रायपुर गांव के पास यह बांध टूट गया। 2016 को गोण्डा जिले के नकहरा गांव के पास टूट गया। इस टूटे बांध का मरम्मत भी नहीं हो पाया कि 2017 की रात बाराबंकी जिला के बांसगाव मल्लाहन पुरवा के पास एल्गिन चरसडी बाँध जवाब दे गया। जिससे गोण्डा व बाराबंकी जिला के दर्जनो गांवों में घाघरा बाढ़ तबाही के जद में आ गए।

ग्रामीणों का कहना है कि एल्गिन-चरसड़ी तटबंध के निर्माण के समय जमकर खेल खेला गया। बांध बनते समय अनियमितता की गई। क्षेत्र के कई किसानों के खेत इसकी चपेट में आ गए।  जिसे वह बचाने के लिये राजनीति हुआ। जिसे नेतानगरी के दखल से बांध को नदी से सटाकर बालू के ढेर से बना दिया गया। बरसात के समय घाघरा नदी के तेज बहाव में यह बांध एक दशक के भीतर चार बार टूटा। और क्षेत्रीय किसानों व परिवारों को इसकी बदहाली झेलनी पड़ी। बताया जा रहा है कि 14 करोड़ की लागत से बने इस बांध के मरम्मत में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। क्षेत्र के विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर बांध के निर्माण से लेकर मरम्मत तक में हुए खेल की जांच की मांग की।

सूबे की बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाती सिंह का कहना है कि नए डिजाइन में चरसड़ी बांध का पुन: निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए केंद्र से 96.35 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल गई है जिसमें 20 करोड़ का आवंटन भी हो चुका है। सरयू घाघरा नदी के किनारे बसे बहुअन मदार मांझा गांववासियों ने इस पर खुशी व्यक्त किया। और कहा कि नया एल्गिन चरसड़ी बांध के निर्माण से बाढ़ से मुक्ति मिल जाएगी। और फसलों का नुकसान नहीं होगा। घाघरा की होने वाली तबाही से राहत मिलेगी। नए बांध के निर्माण में क्षेत्र को जलप्लावन से बचाने के लिए साइफन का निर्माण कराया जाए। ताकि नदी का पानी गांव में न घुस सके। और बरसात का पानी नदी में जाता रहे। https://t.co/jCdyo7GX7b

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