Friday, April 5, 2019

गोण्डा : श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है मेहनौन देवी मंदिर// प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा : श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है मेहनौन देवी मंदिर// प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र का प्राचीन मेहनौन देवी स्थान हजारों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। यहां नवरात्र भर श्रद्धालुओं का तांता लगता है। जो मां के दरबार में माथा टेककर मनौतियां पूरी करते हैं। ब्लाक की ग्राम पंचायत मेहनौन में स्थित यह देवीस्थान सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। असत्य पर सत्य की विजय का गवाह यह वही ऐतिहासिक स्थान है। जहां नववधू ने अत्याचारी राजा का वध किया था। चैत्र नवरात्र का आरम्भ 6 अप्रैल से हो रहा है। इस दौरान यहाँ भक्तो की भारी भीड़ होगी।

एक किदवंती के अनुसार पहले जंगल से सटे इस थरुहट क्षेत्र पर कनीज बाकड़ नामक राजा राज्य करता था। राजा ने नियम बना रखा था की जो भी नववधू उसके राज्य से होकर गुजरेगी उसे एक दिन उसके यहां रुकना होगा। राजा के इस आतंक की चर्चा तुलसीपुर स्थित पटमेश्वरी देवी स्थान तक पहुंच गई। यहां के एक सिद्ध पुजारी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि मइया सब ठीक कर देगी। एक दिन नववधू का डोला जब इधर से गुजरा तो राजा ने हमेशा की तरह कहारों से डोला उतरवाकर नववधू को कैदकर अपने कब्जे में ले लिया।

शाम को राजा ने जब गलत नियति से कमरे में प्रवेश किया तो वहां कैद नववधू ने राजा का सिर कलम कर दिया। बंद कमरे से कन्या की जोरदार आवाज आई कि आज से यहां किसी का डोला नहीं बल्कि सुअर चढ़ेगा। यह सुनकर लोगों ने जब कमरा खोला तो नववधू वहां से गायब मिली। रातभर में उस राजा का महल भी गिर गया।

बताया जाता है की कई बार प्रयास के बावजूद यहां मंदिर का निर्माण नहीं कराया जा सका था कोई न कोई बाधा आ जाती थी। अब पिछले कुछ वर्षो से यहाँ मुख्य मंदिर सहित अनेक निर्माण कार्य जनसहयोग से हुए है। अब यह प्राचीन मंदिर और परिसर जिले के किसी बड़े मंदिर से कम नही लगता है। प्रत्येक नवरात्रभर यहाँ विशाल मेला लगता है और अनेक तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी होते है। बता दे की इस मंदिर पर प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को इलाकाई लोगो की भारी भीड़ होती है तथा लोग पूजा, अर्चना और देवी दर्शन करते है।

कहा जाता है की यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वालो की सर्वमनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। यहाँ के जानकार बुजुर्गो ने बताया की जिस स्थल पर राजा की हत्या हुई थी उस स्थान पर कई दशकों तक सुअर की बलि चढ़ाई जाती रही लेकिन धीरे-धीरे अब यह प्रथा खत्म हो गई है, लेकिन जहां से नववधू गायब हुई थी उस स्थान की पूजा आज भी देवी स्थान के रूप में की जा रही है। यहाँ पर नवरात्र में हजारो श्रद्धालु दूर दूर से आकर माथा टेकते हैं। मनौतियां पूरी होने पर लोग सत्यनरायन कथा, मुंडन, हवन व श्रीमद्भागवत पाठ भी यहाँ कराते हैं।

श्रद्धालुओं की परेशानियां-
यहाँ आने वाले श्रधालुओ को अनेक प्रकार की परेशानियां भी होती है, फिर भी लोग आकर दर्शन पूजन करते है। मंदिर स्थल तक पहुंचने के लिए दुपहिया के अलावा अन्य साधन का अभाव है। प्राइवेट जीप आदि कुछ दूर पहले ईश्वरनन्दकुटी तक आती है जो यात्रियों को भूसे की तरह भरती है और मनमाना किराया भी वसूलती है। यहाँ लगे कुछ हैण्ड पम्प खराब है जिनको दुरुस्त करवाने की जरूरत है। मेलाक्षेत्र में नवरात्र के दौरान हररोज हजारो की भीड़ होती है। यहाँ मेले में तमाम दुकाने लगती है। इसके अनुपात में यहाँ मेला परिसर की साफ़ सफाई प्रतिदिन नही हो पाती है, जिस वजह आने वाले लोगो को दिक्कत होती है। यहाँ मंदिर परिसर में सार्वजनिक शौचालय और स्नान घर निर्मित है, इनमे मेले के दौरान भारी गंदगी व्याप्त रहती है इस वजह देवी भक्तो को समस्या होती है।

मंदिर के बगल सरयू नहर शाखा है। जिसमे पानी होने पर आवागमन बाधित होता है। नहर के ऊपर से मंदिर को जाने हेतु अस्थाई पुल का निर्माण ग्रामीणों ने पाइप लगाकर किया है। नहर में अधिक पानी होने पर मार्ग के ऊपर तक जलभराव हो जाता है। यहाँ पर स्थाई पुल के निर्माण की मांग है जो अबतक नही पूरी हुई।
अराजक तत्वों से चोरी, छिनैती सहित अन्य खतरा मंदिर परिसर में व्याप्त रहता है। मेले के दौरान यहाँ धानेपुर पुलिस की टीम तैनात रहती है जो इसपर पूर्ण रूप से अंकुश नही लगा पा रही है।

इलाके में अनेक जगह होती है माँ की पूजा-
चैत्र नवरात्रि को लेकर कई दिनों से इलाके के देवी मंदिरो की साफ़ सफाई और रंगाई पुताई जोरो पर चल रही थी। मेहनौन के प्रसिद्ध देवी मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ नवरात्र में होती है। यहाँ भी नवरात्र मेले की तैयारी कई दिन पूर्व से चल रही थी। इस मंदिर पर दूर दूर से आकर महिला, पुरुष, वृद्ध और बच्चे नवरात्र में देवी की आराधना करते है। मेला क्षेत्र में हर साल की तरह इस बार भी खिलौनों, चूड़ियों, मिठाइयो, फलो, पूजन सामग्रियों आदि सहित तमाम दुकानों की व्यवस्था हुई है।

यहाँ पर महिलाओं और बच्चों द्वारा जमकर खरीददारी की जाती है। सुरक्षा व्यवस्था में यहां नवरात्र भर हर रोज धानेपुर पुलिस टीम मौके पर मौजूद रहती है। इसमें महिला और पुरुष टीम रहती है। मेहनौन के प्रधान प्रतिनिधि रामू सिंह ने बताया कि नवरात्रि के दौरान यहां पर काफी भीड़ होती है और दूरदराज क्षेत्रों से हजारों की संख्या में देवी भक्त आकर देवी मां के दर्शन पूजन करते हैं। कहा कि मंदिर पर निर्माण कार्य भी प्रायः चलता रहता है और मंदिर को नया रूप देने की कोशिश कई वर्षो से निरंतर चल रही है।

इस पुनीत कार्य में क्षेत्र के तमाम लोग अपना पूरा सहयोग भी दे रहे हैं। बताया की मंदिर पर नवरात्र में तमाम प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान जैसे कथा, भागवत, भजन कीर्तन, मुंडन संस्कार आदि होते रहते है। क्षेत्र अंतर्गत तमाम ग्रामों के देवी मंदिरों पर नवरात्र में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान होते है और स्थानीय लोग मंदिरो पर आकर देवी के दर्शन भी करते है।

इसी क्रम में क्षेत्र अंतर्गत अर्जुनपुर के कामिनीपुर मंदिर, बिशुनपुर संगम के मुरलीपुरवा देवी मंदिर, गूंगीदेई के कंदरा सम्मय स्थान, हर्रैया झूमन के कालीमाई स्थान, विहुरी के भक्तितिन माई स्थान, श्रीनगर में विधायक मठ के निकट तिलकी माता मंदिर, अयाह के कोटरा माता स्थान, चुरीहारपुर, वेदपुर, परसिया बहोरीपुर आदि जगहों के देवी मंदिरो पर नवरात्र में देवी माँ की पूजा अर्चना होती है।

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