Tuesday, March 26, 2019

गोण्डा : करनैलगंज कस्बे में स्थित बटुक भैरवनाथ मन्दिर पर मंगलवार को मेला में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़// प्रवीण श्रीवास्तव,

गोण्डा। करनैलगंज कस्बे में स्थित बटुक भैरव नाथ मन्दिर पर मंगलवार को मेला में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर मिन्नतें की
करनैलगंज कस्बा समेत ग्रामीण क्षेत्र का प्रसिद्ध धार्मिक श्रद्धा का केन्द्र बटुक भैरवनाथ मन्दिर पर सैकडों वर्षो से दर्शनार्थियों का मेला हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ भक्तगण दर्शन के साथ साथ अपनी मन्नतों को पूरा करते है।

करनैलगंज नगर के भैरवनाथ पुरम में स्थित सैकडों वर्षों पुरानी प्रतिमा के मान्यताओं की चर्चा क्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय है। इसके बारे में महन्त रमाशंकर गिरि व गिरिजा शंकर गिरि बताते हैं कि सैकडों वर्ष पूर्व यहां विशाल घना एक जंगल था। जिसमें लोग अपने पशु चराने लाया करते थे। पूर्वजों के कथनानुसार अंग्रेजों के शासनकाल में इस क्षेत्र में जब रेलवे लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ, तो यहां के जंगल कटवाए गये। जिसमें पत्थर का एक शिला मिला। जिसे क्षेत्रीय ग्रामीणों ने अपने धार्मिक आस्था का केन्द्र बताया। तो अंग्रेज कर्नल ब्यालू ने इसे ठुकराते हुए खुदवाने का निर्देश दिया।

हुक्म मिलते ही मजदूरों ने पत्थर को दिन भर में खोदकर निकाला, तो ग्रामीणों ने इसे अन्यत्र न रखने का आग्रह किया। इस आग्रह को मानकर शिला खण्ड को सरयू नदी में फेंकवा दिया गया। दूसरे दिन फिर उसी स्थान पर वही पत्थर अपने उसी रूप में दिखा। यह देख सभी आश्चर्य चकित हो गए।

इसकी खबर जब कर्नल के पास पहुंची, तो उसने अफवाह या मजदूरों की लापरवाही मानकर दोबारा खोदवाने का आदेश दिया। कर्नल ब्यालू ने कई बार पत्थर को खोदवाकर नदी में फेकवाता रहा। लेकिन बार बार यह पत्थर सुबह उसी रूप में दिखाई दिया। तो अन्त में उसने रात में रूककर पत्थर के पास देखने का मन बनाकर रूक गया। तो उसी रात उसकी भयंकर तबियत खराब हो गयी।

और स्वपन में उसे इस स्थान को छोडने का निर्देश मिला। दूसरे दिन क्षेत्रवासियों ने समझाया कि यह धार्मिक आस्था का स्थान है। इस स्थान को छोडकर किसी अलग जगह पर रेलवे लाइन बिछायी जाय, तो शायद काम आगे बढ सके। यह बात अंग्रेज अफसर के भी समझ में आ गयी। इस चमत्कार को अलौकिक मानकर इस स्थान के नाम पर कुछ बीघे भूमि छोड़कर मन्दिर बनाने के लिए रेलवे लाइन को हटाने का निर्देश दे दिया।

उस समय पूर्वजों ने पत्थर को सर्व शक्तिमान देवता के रूप में मानकर भव्य मन्दिर का निर्माण कराया। और क्षेत्र में मंगलवार को विशेष तथा आम दिनों समान पूजा अर्चना शुरू की गयी। जिसके कृपा दर्शन से भक्तों की मनौतियां भी पूर्ण होने लगी। तभी से इस मन्दिर की प्रसिद्धि फैलती गयी। यहीं पर एक इमली का पेड भी है। जिसके बारे में मान्यता है कि दांत दर्द के लिए विशेष रूप से यहां दस पन्द्रह से एच्छिक वर्षो तक के लिए निजात पाने को लोहे की एक कील गाड़ दी जाती है। तो दांत दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

वर्तमान में मन्दिर को नया रूप प्रदान कराया गया है। जिससे उसकी भव्यता बढ गयी है। मन्दिर की प्रसिद्धि के चलते आसपास समेत दूसरे जनपदों के लोग भी दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर होली के बाद वाले मंगलवार को बुढवा मंगल का मेला लगता है। इसके अलावा प्रतिदिन सुबह शाम भक्तों की कतारें विशेष रूप से मंगलवार को बनी रहती हैं। करनैलगंज कस्बे के बजरंग नगर नचनी, गाडी बाजार हनुमान गढी पर मेला कार्यक्रम में भजन कीर्तन व हवन पूजन के साथ भण्डारे का आयोजन किया जाता है।

No comments:

Post a Comment

इटियाथोक : कस्बे में विधायक के अगुवाई में अल्पसंख्यक समाज ने कांवरियों को वितरित किया प्रसाद// रिपोर्ट : प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा 01 सितम्बर। इटियाथोक कस्बे में क्षेत्रीय विधायक बिनय कुमार द्विवेदी के अगुवाई में कावरियों का जोरदार स्वागत किया गया। कजरी तीज के प...