गोण्डा। (प्रदीप पाण्डेय)। एक तरफ सरकार अभियान चलाकर गांव- गांव और घर- घर बिजली कनेक्शन पहुंचा रही है। दूसरी तरफ ग्रामीणों को उनके जरूरत के समय शाम को निर्बाध बिजली न देकर विद्दुत विभाग उनकी परेशानी को बढ़ा रहा है। शाम को अन्धेरा होने के बाद बिजली कटौती से ग्रामीणों को भारी दिक्कते पेश आती है। सबसे अधिक समस्या उन छात्र- छात्राओ को हो रही है। जो जल्द ही शुरू होने वाले दसवी और बारहवी के बोर्ड परीक्षा की तैयारी में लगे है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं सन्निकट हैं। ग्रामीण बच्चे परीक्षा की तैयारी में लगे है। इटियाथोक क्षेत्र में शाम की बिजली कटौती से इनको काफी दिक्कत पेश आ रही है और इस बिजली कटौती से छात्र काफी परेशान हैं। बच्चों की माने तो सायंकाल पढाई के समय हो रही कटौती से उनकी परीक्षा की तैयारी में बाधा उत्पन्न हो रही है।
छात्रों ने शाम 5 बजे से लेकर रात 11 बजे तक निर्वाध बिजली आपूर्ति की मांग की है। क्षेत्र के राकेश, अरुण, ममता, रजनी, बबिता, शिखा, कुसुम, मंजू, बबलू, मनोज, पवन, राजेश, राहुल, दिनेश आदि छात्र- छात्राओ ने कहा की माध्यमिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड की हमारी परीक्षाये शुरू होने में महज कुछ दिन बचे है।
इन्होंने कहा की हम लोग जीजान से परीक्षा की तैयारी पूरी करने में जुट चुके हैं। ऐसे में रात- दिन एक कर पढ़ाई में लगे ग्रामीण इलाके के छात्रों की तैयारी पर बिजली की मार पड़ रही है। शाम के वक्त बिजली न मिलने से उनके समक्ष पढ़ाई करने को लेकर दिक्कत खड़ी हो चुकी है।
इटियाथोक क्षेत्र में शाम को सवा पांच बजे से सवा सात बजे के बीच दो घंटे की बिजली कटौती हो रही है। कभी कभी इसके बाद रात 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे की इमरजेंसी कटौती भी की जाती है। इस वजह से इनकी तैयारी बाधित हो रही है।
बताते चलें कि बोर्ड परीक्षा आगामी 7 फ़रवरी से शुरू हो रही है। परीक्षार्थी पढ़ाई में दिन रात एक किए हुए हैं किन्तु शाम की बिजली कटौती से इनको समस्या हो रही है। ऐसे में वह निर्बाध पढ़ाई कैसे करें समझ नहीं पा रहे हैं। गांव के गरीब बच्चों की माने तो उनके घरो में कीमती इन्वर्टर की व्यवस्था भी नही है, ऐसे में उनकी शाम की पढ़ाई चौपट हो रही है। कई बच्चों ने कहा की जब उनके घरो में बिजली नही लगी थी तब ढिबरी या लालटेन से पढ़ाई हो जाती थी।
इनकी माने तो अब बिजली के तेज रौशनी के आगे यह फीके साबित हो रहे है और इनसे पढ़ाई नही हो पाती है। शाम के बिजली कटौती से एक ओर जहां छात्र- छात्राएं प्रकाश व्यवस्था के संकट से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं तो आम ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी देर रात सोने के वक्त शुरू हो रही आपूर्ति का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। छात्रों का कहना है कि शासन- प्रशासन द्वारा भले ही परीक्षा में कड़ाई को लेकर तमाम तैयारी की जा रही हो लेकिन उनकी विद्युत समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
छात्रों ने शाम 5 बजे से लेकर 11 बजे रात तक निर्बाध आपूर्ति शुरू कराने की मांग की है। ग्रामीण भोलानाथ, अखिलेश, मयाराम, कृष्णमुरारी, गंगा प्रसाद आदि ने कहा की ग्रामो में लोगो को शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक बिजली की खाश जरूरत रहती है। कहा की इस अवधि में भोजन बनना, खाना पीना और बच्चों की पढ़ाई लिखाई होती है। इनकी माने तो इस अवधि में बिजली कटौती से इन सभी को भारी समस्या होती है।
इस बावत इटियाथोक पावर हॉउस पर तैनात अवर अभियंता एस0 के0 मौर्य ने कहा की निश्चित रूप से शाम के कटौती में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और ग्रामीणों को दिक्कत होती है, किन्तु यह व्यवस्था ऊपर से लागू है। कहा की उक्त समस्या से विभागीय अधिकारियो को अवगत कराया जावेगा, बोर्ड परीक्षा को देखते हुए सम्भवतः जल्द कोई नया शेड्यूल जारी होगा।
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