Thursday, January 31, 2019

गोण्डा : परसपुर बेलसर मार्ग के खमरौनी के श्री शतचण्डी महायज्ञ में रमेश दूबे रमेशवा ने बिखेरा अवधी कॉमेडी जलवा, जुटे अपार श्रद्धालु, ■ राजन कुशवाहा,


गोण्डा।(राजन कुशवाहा)। परसपुर -बेलसर मार्ग स्थित खमरौनी गाँव में इस वर्ष भी विशाल 19 वां श्रीशतचण्डी महायज्ञ एवं सन्त सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। पखवारे भर से आयोजित अखण्ड राम नाम जप अनुष्ठान के बाद मथुरा बृन्दावन के कलाकारों द्वारा रासलीला का मनमोहक कार्यक्रम हो रहा है। जिसमें मथुरा वृंदावन के बाल कलाकारों की अनुपम प्रस्तुति श्रीकृष्ण व श्रीराम की मनमोहक झांकियां, धार्मिक नाट्य मंचन से सम्पूर्ण क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ है।

वहीं गुरुवार को अवधी कॉमेडी स्टार रमेश दूबे रमेशवा ने अवधी परम्परा की कहानियों के व्यंग्य सुनाकर दर्शकों को ओतप्रोत किया। ठेठ गंवई अवधी भाषा के लहजे में लुटावन, निहोरन चाची, चैतराम, कनउ लाल, नंगा मिशिर समेत दर्जनों पात्रों के अभिनय व व्यंग्य सुनाकर दर्शकों का मन मोह लिया। दर्शकों के गगनभेदी करतलध्वनि से सम्पूर्ण पांडाल गुंजायमान हो उठा। इस दौरान हजारों की संख्या में नर नारी बच्चे समेत बृद्ध जन कार्यक्रम में शामिल रहे हैं।

बताया जाता है कि उन्नीस वर्ष पूर्व खमरौनी के धर्मप्रेमी सिपाही शरण तिवारी के नेतृत्व तथा गुजरात के संत राम सेवकदास "त्यागी बापू" के संरक्षण में यह का यज्ञ अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया। नौ दिवसीय आयोजित यज्ञ मण्डप में अनवरत मंत्रोच्चारण के साथ हवन, अखण्ड राम नाम जप पाठ हो रहा है। तथा दिन में श्रीराम लीला मंचन हो रहा है। जिसमे सुदूर ग्रामीण आंचलों समेत क्षेत्र के नर नारी बृद्ध व बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।

यज्ञ कार्यक्रम की ख्याति जिले व अन्य प्रदेशों में भी है। यहाँ कार्यक्रम व क्षेत्रीय जनमानस की अपार भीड़ के दृष्टिगत गुजरात सूरत के व्यवसायी धर्मेन्द्र आनन्द पंजाबी ने अनवरत यज्ञ अनुष्ठान की घोषणा की है। जो इस यज्ञ कार्यक्रम के सहयोगकर्ताओं दानदाताओं में एक हैं। क्षेत्रीय जनो का कहना है कि यह यज्ञ अनुष्ठान क्षेत्र के लोगों के लिये एक त्यौहार बन गया है। जो प्रति वर्ष 25 जनवरी को कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ होकर चार फरवरी तक हवन पूजन सहित सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों की धूम रहती है।

कड़ाके की ठण्डक मौसम में क्षेत्र के हजारों की संख्यां में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। नित्य प्रति सूर्योदय के भोर से ही यज्ञ भगवान् के दर्शन परिक्रमा आदि करके अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिये श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता हैं। वैदिक मतानुसार यज्ञ भगवान की 108 परिक्रमा करने से मानव प्राणी को सुख समृद्धि धन वैभव की प्राप्ति होती है। माँ कामाख्या भक्तों की मुँह मांगी मुरादे पूरी करती हैं। यहाँ विद्वतजन आचार्यों के गगनभेदी मंत्रोच्चारण से पूरा क्षेत्र गुंजायमान बना हुआ है।


3 comments:

  1. Ati sunder दिन में होता है महायज्ञ या फिर रात्रि मे

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