Thursday, December 27, 2018

गोण्डा : इटियाथोक क्षेत्र में आवारा पशुओं के तांडव से किसानों की फसल हो रही बर्बाद// प्रदीप पाण्डेय,


गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक बिकास खंड विभिन्न ग्रामो में तेजी से बढ़ रहे आवारा पशुओं तथा नील गायों के उत्पात से गेहूं, सरसो, मटर सहित अन्य फसलों पर संकट गहराने लगा है। पशुओं का झुंड खेतों में घ़ुसकर फसल बर्बाद कर रहा। ठंड के मौसम में किसान ठीक से रखवाली भी नहीं कर पा रहे हैं।

ब्लाकक्षेत्र के नौसहरा, हर्रैया झूमन, बहलोलपुर, दिखलौल, बेंदुली, संझवल, पारासराय, दौदापुर, अयाह, चुरीहारपुर, वेदपुर, रमगढ़िया, शिवपुरिया, कर्मडीहकला, मध्यनगर, सिंघवापुर, मेहनौन, श्रीनगर सहित विभिन्न ग्रामो में पशुपालकों द्वारा बछड़ों को छोड़ दिए जाने से छुट्टा पशुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। झुंड में छुट्टा पशु गेहूं, लाही, मटर और सब्जी सहित अन्य फसलों के खेत में घुसकर नष्ट कर दे रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए पहरेदारी में किसान दिन-रात एक किए हुए हैं। परेशान होकर कई किसान खेतों को परती छोड़ दे रहे है। 

क्षेत्र में आवारा पशुओं के आतंक से ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है। विशेषकर किसान वर्ग को इन पशुओं के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिसके चलते किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है। किसानों के अनुसार - आवारा पशु उनकी हरी भरी खेती को बर्बाद कर रहे हैं। खेतों में दिनरात पहरा देने के बावजूद भी इन पशुओं के आतंक से छुटकारा नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि आवारा पशु उनकी सरसों, गेहूं, चने, मटर व सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ब्लाक क्षेत्र के ग्रामो में आवारा पशुओं की भारी तादाद है, जो दिनरात उनके खेतों में घुस रहे हैं और कड़े पहरे के बावजूद भी खेती बर्बाद कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि महंगे खाद, बीज से उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर खेतों में फसलों की बुआई, बिजाई की है। ठंड में सिंचाई कर किसान अपनी आजीविका के लिए खेती के कार्य में जुटे हैं। लेकिन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में घूम रहा आवारा पशुओं का झुंड उनकी खेती बर्बाद कर रहा है। जिससे किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

◆◆◆ हादसों का पर्याय बने आवारा पशु -
क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे आवारा पशुओं के कारण हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। गलियों व सड़कों के किनारे घूम रहे आवारा पशु अचानक भागकर सड़कों पर आ जाते है। जिससे दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते है। वहीं बड़े वाहन की चपेट में आने से कई बार पशु भी गंभीर रूप से जख्मी हो जाते है। क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि आवारा पशुओं से आम जन को निजात दिलाने के लिए प्रशासन त्वरित कार्यवाही अमल में लाए। गौवंश को भी संरक्षण की जरूरत है, इन्हें गौशाला इत्यादि में पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इन पशुओं की बढ़ रही संख्या आम जन के काबू से बाहर है इसलिए प्रशासन को इस बारे में कदम उठाते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने चाहिए।

क्षेत्र के किसान ओमप्रकाश वर्मा, राजू मिश्रा, शुक्ला प्रसाद शुक्ला, दामोदर पाण्डेय, नानबाबू वर्मा, दिनेश पाडे, राधिका तिवारी, बालेन्द्र प्रसाद, अजय कुमार, संतोष सिंह आदि का कहना है की दिन में तो किसी तरह फसल की देख रेख हो जाती है किन्तु भीषण ठंढ में हम लोग जब खेतो से घर चले जाते है तब रात के समय अनेक आवारा पशु खेतों में घुसकर लहलहाती फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं। कहा कि समस्या का अविलंब समाधान नहीं किया गया तो किसानो का अंत निश्चित है।

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