गोण्डा। मसकनवा क्षेत्र में विधि विधान के साथ तुलसी माता की विदाई हुई। यजमान डॉ राम नारायन गुप्ता व कपूरा देवी ने सैकड़ो की संख्या में देशी घी के दीप प्रज्वलित कर माता तुलसी की आरती उतारी। पंडित चंद्रशेखर ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सर्वप्रथम हवन पूजन कराया। उन्होंने हवन के पश्चात माता तुलसी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि पेड़ रूपी माता तुलसी के सामने पूरे तीस दिन दीप प्रज्वलित करनी होती है।
उन्होंने बताया कि दीप प्रज्ज्वलन करने वालों को लहसुन प्याज सहित अन्य व्यसन का सेवन करना वर्जित होता है। एक मास तक लगातार दीप प्रज्वलित करने के पश्चात एक मास पूर्ण होने पर विधिवत रूप से हवन पूजन कराया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसा करने वाले भक्तों को माता तुलसी धन धान्य व रोगों से मुक्त करती हैं। इसीलिए धर्म ग्रंथों में भी माता तुलसी के पेड़ों को लगाने व उसके पत्तों के सेवन की बात कही गई है।
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