■ मनवर, धुसवा और ईश्वरनन्द कुट्टी पर श्रद्धालुओं की हुई काफी भीड़
गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तमाम श्रद्धालुओं ने क्षेत्र के पोखरों और नदियों में स्नान कर पूजा-पाठ कर दान किया। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर यहाँ स्नान-दान और पूजा- पाठ किये गये। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र पोखरों में स्नान किया। ईश्वर नन्द कुट्टी, मनवर, धुसवा मेले में हजारों श्रद्धालु पहुंचे। स्नान के बाद यहाँ के मंदिरो पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। तीनो स्थानों पर स्नान करने वालों की भीड़ सुबह से ही उमड़नी शुरू हो गयी।
सुरक्षा व्यवस्था में हर जगह पुलिस टीम तैनात रही। चारों तरफ हर-हर गंगे गुंजायमान रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने की यहाँ पुरानी परंपरा कई दशको से चली आ रही है जो आज भी लोग पूरी करते है। मेले में बरसोला, गट्टा मिठाई, चाट, सिंघाड़ा, जलेवी, मूँगफली, खिलौने आदि की अनेक दुकाने रही जिनपर लोगो की भारी भीड़ रही।
कुट्टी मेले में झूले, मौत के कुए और सर्कस का आनंद लोगो ने जमकर लिया। प्रसिद्ध कुट्टी मेला इटियाथोक बाबागंज मुख्य मार्ग पर लगता है। जहाँ पूरे दिन यातायात जाम का माहौल बना रहा। मेलार्थियों सहित आवागमन में लोगो को यहाँ भारी दिक्कत हुई। क्षेत्र के तीनो मेले में उमड़ने वाले जनसैलाब के मद्देनजर सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गयी थीं। सुरक्षाकर्मी और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम शुक्रवार की सुबह से ही हर जगह कमान संभाल ली थी। जिला प्रशासन की ओर से ठोस बंदोबस्त किये जाने के बावजूद अधिकारियों को मुस्तैदी से ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया गया था।
गोण्डा -बलरामपुर मुख्य मार्ग पर जयप्रभाग्राम के पास स्थित धुसवा मेला में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यहाँ के पवित्र सरोवर में लोगों ने स्नान कर हनुमान मंदिर का दर्शन तथा पूजा अर्चन की। सुबह से ही आसपास तथा दूर दराज से ट्रैक्टर ट्राली व अन्य साधनों से गीत गाती हुई महिलाएं व युवतियां मेला परिसर पहुंची।दोपहर बाद मंदिर मेला परिसर श्रद्धालुओं से भर गया। उक्त मेला बीते सैकड़ों वर्ष से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है।
मेला क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के सामानों की दुकानों पर खासकर महिलाओं युवतियों व बच्चों ने खाने-पीने सहित अन्य जरूरी सामानों की खूब खरीदारी की। इस मेले के समय भारी भीड़ के बीच से होकर गुजरने वाले छोटे बड़े वाहनों के आवागमन के चलते कई बार जाम की स्थिति रही, जिससे मेले में शामिल श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। यहां मेला क्षेत्र में सुरक्षा के लिए प्रभारी निरीक्षक विवेक सिंह सहयोगियों सहित मौजूद रहे। यहां साफ- सफाई तथा पेयजल आदि सुविधा के लिए ग्रामप्रधान राममणि तिवारी, विश्वनाथ तिवारी, राम कुमार, राजेंद्र तिवारी, अनूप उर्फ साधू तिवारी सहित दर्जनों लोग सक्रिय रहे।
धुसवा मेला गोंडा बलरामपुर मुख्य मार्ग पर पड़ने के चलते घंटों सैकड़ों वाहनों का जाम लगा रहा। उक्त जाम में एंबुलेंस सेवा की वाहन भी देर तक फंसी रही। एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्ग पर भीषण जाम में लोग फंसे रहे, जाम से मेले में अफरा तफरी का माहौल बना रहा।अचानक मुख्य मार्ग पर लंबी दूरी तक जाम लगने से मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। पुलिसकर्मियों को जाम हटवाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है।
क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित होते समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।
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