गोण्डा। इटियाथोक क्षेत्र में आस्था और संस्कार के पर्व छठ का उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ बुधवार को समापन हो गया है। सुबह इटियाथोक कस्बे के बिसुही नदी घाट के पानी में रंग विरंगे परिधानों में उतरकर बाजार की अनेक महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया और परिवार तथा संतान के कल्याण के लिए मुरादें मांगी। डाला छठ पर्व के समापन पर महिलाओं ने सुबह पूजा-पाठ करके सुख समृद्धि की कामना की। पवित्र सरोवर के पानी में जाकर सूर्य देव की उपासना की इस दौरान परिवार के अनेक लोग और बच्चे साथ में मौजूद रहे।
बुधवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ का महापर्व संपन्न हो गया। इसके बाद बाजार की व्रती महिलाओ ने नियमानुसार अपना व्रत तोड़ा। छठ पर्व के अवसर पर कसबे के कई परिवारो में चार दिनों तक जमकर जश्न मनाया गया। बाजार के अनेक व्रती महिलाओ के घर इस दौरान चार दिनों तक सिर्फ छठ पूजा के प्रसिद्ध गीत ही बजते सुनाई दिए।
कसबे के बिसुही नदी में बुधवार सुबह उतरकर अनेक महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया। अर्घ्य देने के बाद छठी मइया के लिए बनाए गए खास प्रसाद को आस पास के लोगों में बांटा गया। चार दिनों तक चलने वाला यह व्रत 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था। इस दौरान बाजार के तमाम लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और बिसुही नदी के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला। महिलाओं ने सवेरे घाट पर जाकर पूजा की तैयारी की और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार छठ पर्व पर कई दुर्लभ शुभ संयोग रहे जो शुभ फलदायी और समृद्धिदायक बताये गए। जानकारों ने बताया की रविवार भगवान सूर्य का दिन माना जाता है इस दिन से छठ आरंभ हुवा जबकि 11 नवंबर रविवार को नहाय- खाए पर सिद्धि योग का संयोग रहा है। सांझ के अर्घ्यवाले दिन यानी 13 नवंबर को अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा था। इसी प्रकार छठ के अंतिम दिन अर्थात प्रात:कालीन अर्घ्य पर बुधवार 14 नवंबर को सुबह के समय छत्र योग का संयोग रहा है। इस योग को धन और समृद्धिदायक माना गया है। हिंदू धर्म में सूर्य को जल देने का बहुत महत्व है और छठ पूजा के पावन पर्व पर ढलते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से कई पापों का नाश होता है। कुल मिलाकर इस बार छठ पर्व काफी फलदायक और शुभ माना गया है।
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