गोण्डा।(राजन कुशवाहा)। दीपावली के बाद कार्तिक माह के शुक्लपक्ष द्वितीया को मनाया जाने वाला भाई- बहन के स्नेह का प्रतीक पर्व भैया दूज शनिवार को है। परसपुर कस्बे में भैया दूज पर्व को लेकर दोपहर बाद बाजारों में रौनक उस वक्त बढ़ गई जब कस्बे की लाई चुरा मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ दिखी। महिलाओं ने भाइयों के लिए चुरा, लायी, बताशे, मिठाई आदि की खूब खरीदारी की। बहरहाल दीपावली के दूसरे दिन यमघण्ट की मान्यता है। इस दिन दुकानदार या व्यापारी अधिकांशतः अपने प्रतिष्ठान व कारोबार बंद रखते हैं। यहाँ कस्बे में शुक्रवार को दोपहर बाद दुकाने खुली तो कस्बे की रौनक दिखी।
बताया जाता है कि भैया दूज पर बहनें भाइयों को तिलक लगाकर दीर्घायु और यशस्वी होने की कामना करती हैं। और भाई बहन को रक्षा का वचन देते हैं। यह पौराणिक प्रासंगिक है कि स्वयं यमराज भी अपनी बहन यमुना से टीका कराने यमनोत्री धाम पहुंचते हैं। इसलिए भैयादूज को यम के दरवाजे बंद रहते हैं। परंपरा के अनुसार - इस दिन यमुना में स्नान करने से शनि दोष, रोग और अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है। भैया दूज पर विघ्न विनायक गणेश और महादेव शिव की पूजा आदि की परम्परा है।
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