
(डॉ. एस.सी. त्रिपाठी)
गोण्डा। परसपुर क्षेत्र के एक गांव में घायल हिरन का इलाज कराने के बजाय वनकर्मियों ने उसे कुछ दूर ले जाकर यह कहकर छोड़ दिया, कि विभाग उन्हें इलाज का पैसा नहीं देता है। दर्द से तड़प रहे गम्भीर रूप से घायल हिरन की इलाज के अभाव में मौत हो गयी। घटना थाना क्षेत्र कोतवाली देहात के ग्राम गोगिया का है। परसपुर ब्लाक क्षेत्र के ग्राम गोगिया के मजरे कोड़़री गांव में शुक्रवार की सुबह आठ बजे एक बारहसिंघा कहीं से भटककर आ गया। जिसे गांव के कुत्तों ने खदेड़ लिया। और उसे नोचकर घायल कर दिया। कुत्तों के झुंड को खदेड़ता देख ग्रामीणों ने बारह सिंघा को बचाने की कोशिश की। और ग्रामीणों ने उसे किसी तरह पकड़ लिया। और इसकी सूचना सम्बंधित विभागीय अधिकारी को दी। मौके पर पहुंचे वन विभाग कर्मी ने घायल बारह सिंघा को अपने कब्जे में लिया। ग्रामीणों के आरोप है कि घायल हिरन को वहाँ से हटकर कुछ दूरी पर ले जाकर बिना इलाज कराए ही छोड़ दिया।
ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारी से घायल हिरन के इलाज के बारे में पूछा। तो अधिकारी ने जवाब दिया कि घायल हिरन इलाज नही कराया है। उसे छोड़ दिया गया। वह कहीं चला जाएगा। क्योंकि वन विभाग इलाज का पैसा नहीं देता है। ग्रामीणों के आरोप है कि महज चंद पैसों को बचाने के लिये वन विभाग के कर्मी ने घायल हिरन का इलाज नहीं कराया। जिससे गम्भीर रूप से घायल हिरन की इलाज के अभाव में दोपहर में मौत हो गई।

 
 
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