गोण्डा। करनैलगंज क्षेत्र के बैकुंठनाथ महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर के पांचवे दिन प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने गांवों में घर-घर जाकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर ग्रामीणों को जागरूक किया।
शिविर के पांचवे दिन प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने आस-पास के गांव सुदईपुरवा, सुरजी पुरवा, दत्तनगर और रेलवे क्रासिंग में घर घर जाकर बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षित करने की सलाह दी। प्रतिभागियों की चार टीमें बनायी गयी थीं जिसके लिए अनीशा मिश्रा, कीर्ति, सुषमा, वंदना आदि को टीम लीडर बनाया गया था। प्रतिभागियों ने पुरुष और महिलाओं से बेटी और बेटे में भेद न करने की सलाह दी।
द्वितीय पाली में बौद्धिक कार्यक्रम के अंतर्गत प्राचार्य डा पी एन मिश्र की अध्यक्षता में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रतिभागी सुषमा ने कहा कि बेटियां बोझ नहीं भविष्य हैं। उन्होंने बेटियों को अच्छी शिक्षा देने की सलाह दी। जनकनंदिनी ने 'ओस की बूंदें हैं हम लड़की, मन है एक दर्पण, शीर्षक की एक बहुत ही अच्छी कविता प्रस्तुत की।
प्रतिभागी कीर्ति, पूजा, शशि, अनीशा पांडेय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। डॉ संतोष मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार पुरुषों और महिलाओं को समान माना जाता है लेकिन समाज में बेटियों को वह सारी सुविधाएं और अधिकार नहीं मिल पाते हैं जो बेटों को प्राप्त हैं। इसलिए बेटियों को भी बेटों के बराबर अधिकार दिलाना हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए सबसे पहले उन्हें शिक्षित करना आवश्यक है। डॉ अनिल त्रिपाठी ने भी मतदाता जागरूकता अभियान के बारे में विधवत चर्चा की। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ संजय शुक्ल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में दिनेश मिश्र, प्रदीप दूबे, प्रमोद श्रीवास्तव, उमारमन सिंह, सहित प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।
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