Tuesday, January 22, 2019

गोण्डा : परसपुर गोलीकांड में शहीद छात्र 27 वें स्मृति दिवस पर दी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, (रिपोर्ट- राजन कुशवाहा) ■ जरा याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर न आये..


गोण्डा। परसपुर के तुलसी स्मारक इंटर कालेज परिसर में शहीद छात्र स्मारक स्तम्भ पर गोली कांड में शिकार छात्रों के स्मृति में पुष्प अर्पित कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य माधव शरण पाण्डेय, राजू सिंह समेत कई शिक्षक श्रद्धांजलि सभा मे शामिल रहे। जरा याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर न आये। 22 जनवरी को यह पंक्तियां क्षेत्र के लोगों को बरबस याद आ जाती हैं। कॉलेज पढ़ने पहुंचे छात्रों को जब यह मालूम हुआ कि रात्रि में परसपुर की पुलिस उनके गुरुजन को अपमानित किया है। तो वह इसे बर्दाश्त नहीं कर सके। और थाने की तरफ कूचकर दिया। जहां पुलिस बर्बरता पर उतर आई। और चार छात्रों को मौत की नींद सुला दिया।

22 जनवरी 1992 को परसपुर थाने की पुलिस ने चार मासूम छात्रों को मार डाला था। मंगलवार को शहीद छात्रों की 27 वीं पुण्यतिथि रही है। 22 जनवरी 1992 बुधवार का दिन परसपुर के लोग भला कैसे भूल सकते हैं। तिलवा के त्योहार को बच्चों की दीर्घायु के लिए मां निर्जल व्रत रखे हुई थीं। क्षेत्र के कोने-कोने से तुलसी स्मारक इंटर कालेज में बच्चे पढ़ने आए थे। 21 जनवरी की रात थाने की पुलिस कॉलेज के एक अध्यापक से अभद्रता की थी। 22 जनवरी को पढ़ने आये बच्चों को जब यह पता चला, तो वह पुलिस द्वारा किया गया अपने गुरुजन का अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाए।

कॉलेज के अध्यापकों ने छात्रों को रोकने की बहुत कोशिश की, परंतु उनका कारवां थाने की तरफ कूच कर गया। छात्र अभी ब्लॉक मुख्यालय के सामने पहुंचे ही थे कि पुलिस थाने के गेट से ही तड़तड़ाहट गोलियों की बौछार शुरू कर दी। परसपुर- बालपुर की काली सड़क छात्रों की खून से ब्लॉक मुख्यालय के सामने लाल हो गई।

जिसमें ग्राम बेलमत्थर निवासी कक्षा 12 का छात्र इंदु प्रकाश मिश्र, ग्राम हड़ियागाड़ा निवासी कक्षा 12 का छात्र अशोक कुमार सिंह, ग्राम सालपुर धौताल निवासी कक्षा 11 का छात्र प्रदीप कुमार सिंह व मलांव निवासी कक्षा नौ का छात्र हरिशंकर सिंह पुलिस की बर्बरता से शहीद हो गए। शहीद छात्रों की आयु 14 से 17 वर्ष के बीच रही है। जिन बच्चों की दीर्घायु के लिए मां व्रत रखे हुए थीं। उसी दिन उनकी गोद पुलिस ने सूनी कर दी।

◆ छात्रों पर दोष मढ़ने की नापाक कोशिश

पुलिस कहानी का यहीं पटाक्षेप नहीं हुआ। बल्कि पुलिस ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए थाने के समीप रखी दर्जनों दुकानों को आग के हवाले कर दिया। और आगजनी का दोष छात्रों पर मढ़ने की नापाक कोशिश की। परसपुर कस्बे में क‌र्फ्यू लगा। दुकानों में जमकर लूटपाट की गई। जिन व्यापारियों ने विरोध किया। उन पर दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज करा दिया।

◆ दर्ज कराया था विरोध

पुलिस जुर्म के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी समेत अन्य लोग पुलिस की बर्बरता का विरोध दर्ज कराने यहां आए थे। जुर्म के विरोध में माध्यमिक शिक्षक संघ के तत्कालीन जिला मंत्री सूर्यप्रसाद मिश्र के नेतृत्व में जबरदस्त आंदोलन किया। जिसके चलते आंदोलनकारियों को एक माह तक जेल में यातनाएं झेलनी पड़ीं। परिणाम स्वरूप छात्रों के हत्या आरोपी दरोगा को जेल जाना पड़ा।

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