गोण्डा। प्राइमरी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए जिलाधिकारी कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव द्वारा उठाए गए कदम के बेहतरीन परिणाम आने लगे हैं। डीएम के आदेश के बाद अब तक जिले के 227 प्राथमिक विद्यालयों में टाइल्स लगवाकर सुन्दरीकरण कराने के साथ ही वाॅल पेन्टिंग व अन्य कार्य कराए जा चुके है।
गौरतलब है कि 80 के दशक के बाद से अब तक ग्राम पंचायतों में नाली व खडन्जा आदि कार्यों को ही प्राथमिकता दी जाती रही है।
ग्राम प्रधान द्वारा खड़न्जा लगवाना व नालियां बनवा देने को ही विकास का पैमाना माना जाता है। डीएम ने इससे इतर गांवों के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले देश के नौनिहालों को शानदार शैक्षिक वातावरण देने तथा प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की घट रही संख्या को सुधारने के लिए ग्राम प्रधानों को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य वित्त व चैदहवें वित्त से प्राथमिक विद्यालयों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चैदहवें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग के बजट से टाइल्स, बाउन्ड्रीवाल, वाल पेन्टिंग, शौचालय सहित अन्य आवश्यक कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराएं।
वहीं जिले में योगदान के बाद से ही डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव द्वारा लगातार प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है तथा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के प्रयास के तहत लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लेने के साथ-साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। शिक्षा में सुधार के लिए डीएम द्वारा पंजीकरण के सापेक्ष उपस्थिति की पाक्षिक रिपोर्ट, उपस्थिति के आधार पर मिड डे मील दिया जाना जैसे कई कठोर निर्णय लिए गए हैं जिसके बाद से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है।
और फर्जी आंकड़ेबाजी पर काफी हद तक रोक लग चुकी है। डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव द्वारा आपरेशन कायाकल्प के तहत पंचायजीराज विभाग के माध्यम से जिले के 227 प्राइमरी/ जूनियर स्कूलों में राज्य वित्त व चैदहवां वित्त आयोग से टाइल्स लगवाकर सुन्दर बनवाया गया है। इसके अलावा 102 विद्यालयों में बाउण्ड्रीवाल, 102 गेट, 481 स्कूलों में सुन्दर शौचालय, 85 स्कूलों में पेयजल व्यवस्था, हैण्डपम्प की मरम्मत/रिबोर तथा 03 विद्यालयों में विद्युतीकरण सहित कुल एक हजार से अधिक कार्य कराए जा चुके हैं जिस पर अब तक लगभग पौने सात करोड़ रूपए से अधिक धनराशि खर्च की जा चुकी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्राइमरी स्कूलों में गन्दगी व अन्य बेसिक सुविधाओं की कमी तथा अच्छी शैक्षिक गुणवत्ता की कमी से अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से कतराते थे परन्तु अब जिले में तेजी से सुधार देखने का मिल रहा है। उन्होने बताया कि आज की तारीख में जिले में तमाम प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूल इतने खूबसूरत बन गए हैं जो कि किसी कान्वेन्ट स्कूलों से कम नहीं है। उन्होने ग्राम प्रधानों व स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का आहवान किया कि वे अपनी ग्राम पंचायत के ऐसे विद्यालयों में टाइल्स आदि के साथ ही अन्य कार्य कराकर सुन्दर बनवाने का काम करें जिससे बच्चे व अभिभावक आकर्षित हों और बेहतर शैक्षिक वातावरण बन सके।
जिलाधिकारी की इस बेहतरीन पहल पर ग्राम प्रधानों के बीच जहां एक ओर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है वहीं प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा व शिक्षा के स्तर में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। डीएम ने स्कूलों में टाइल्स लगवाने, बाउन्ड्रीवाल बनवाने तथा अन्य कार्य कराने वाले अध्यापकों व ग्राम प्रधानों की प्रशंसा करते हुए अन्य ग्राम प्रधानों से आहवान किया है कि वे भी स्कूलों में सुन्दरीकरण को प्राथमिकता दें जिससे प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की सख्या बढ़ाने के साथ अच्छी शिक्षा दी जा सके।
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