Friday, November 9, 2018

गोण्डा : परसपुर क्षेत्र में यम द्वितीया को धूमपूर्वक मनाया भाई बहन के स्नेह का प्रतीक भईया दूज पर्व// राजन कुशवाहा,


गोण्डा। परसपुर क्षेत्र में दीपावली के बाद यम द्वितीया को होने वाला भईया दूज पर्व बड़े ही हर्षोल्लास व धूमपूर्वक मनाया गया। शुक्रवार को दोपहर के बाद शुरू हुए भइया दूज कार्यक्रम के शुभ मुहूर्त में बहनों ने अपने भाइयों का तिलक पूजन किया। बताया जा रहा है कि भाई-बहन के प्यार का प्रतीक यह पर्व भाई दूज को बहनों ने भाइयों को अपने घर बुलाया। उन्हें तिलक लगाकर विधिपूर्वक आरती व मिष्ठान कराया। भाई के लंबी उम्र की कामना की। इसके बदले में भाई ने बहन की रक्षा का वचन देकर उन्हें तोहफे दिए। मान्यता है कि इस पर्व की शुरुआत मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना से हुई।

पंडित त्यागा नन्द पाण्डेय ने बताया कि- पंचाग के अनुसार - भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया अथवा दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इसके चार दिन बाद छठ पर्व मनाया जाता है। यूपी के अपेक्षा बिहार में छठ पूजा धूमधाम से मनाया जाता है। चार दिनों तक होने वाला छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। उसके बाद प्रसाद का दिन होता है। तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को और चौथे दिन सुबह अर्घ्य दिया जाता है।

भैयादूज के दिन हर बहने सुबह ही स्नान करके निराहार रहकर भगवान विष्णु और गणेश का पूजन करती है। अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर अपने व्रत को तोड़ती है। इस दिन कई भाई अपनी बहनों के घर पहुँचकर भोजन करते हैं। और उसे उपहार स्वरूप भेंट देते हैं। इस दिन यमुना नदी के तट पर नहाना और खाना अच्छा माना जाता है। पवित्र नदी में नहाना शुभ माना जाता है। इस दिन यमुना जी का भी विशेष महत्व होता है।

भाई-बहन के अटूट परस्पर प्रेम का प्रतीक भईया दूज पर्व को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है। पौराणिक कथाओं में ऐसी मान्यता है कि यमराज की बहन यमुना को अपने भाई से अगाध स्नेह था। वह उन्हें हमेशा अपने घर बुलाती रहती थी। लेकिन यमराज अपने कामों में ज्यादा व्यस्त होने के कारण अपनी बहन के पास नहीं जा पाते थे। एक बार कार्तिक शुक्ल के दिन यमुना ने एक बार फिर अपने भाई के घर आने के लिए निमंत्रित कर उन्हें वचनबद्ध किया।

यमराज भी इस बात को मानकर अपनी बहन के घर पहुंच गए। नरक में आने वाले सभी जीवों को मुक्त करने के बाद यमराज अपनी बहन यमुना के घर पहुंचे। जिन्हें देख उनकी बहन यमुना का खुश हो गयी। उनकी बहन ने अपने भाई का बड़े ही प्रसन्नता के साथ स्वागत किया और टीका चंदन लगाकर भाई की आरती उतारी। साथ ही कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाकर भी खिलाए। यमराज अपनी बहन के इस प्रेम भक्ति को देख बड़े ही खुश हुए। और बहन कुछ मांगने को कहा – तब यमराज की बहन यमुना नें कहा कि भद्र! आप हर साल इसी दिन उसके घर आया करो। और इस दिन जो भी बहन अपने भाई का आदर सत्कार करेंगी। उसे कभी भी आपका भय न रहे। यमराज ने अपने बहन की बात स्वीकार कर ली। तभी से यह रीति परम्परा को लोग भईया दूज पर्व से मनाने की परंपरा है।

यम द्वितीया भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है। इस दिन प्रत्येक भाई अपनी बहन के घर जाकर इस त्योहार को मनाते है। बहन की रक्षा करने की संकल्प लेते है। हर बहने भी अपने भाई के उज्जवल भविष्य और लंबी आयु की प्रार्थना करती है।

No comments:

Post a Comment

इटियाथोक : कस्बे में विधायक के अगुवाई में अल्पसंख्यक समाज ने कांवरियों को वितरित किया प्रसाद// रिपोर्ट : प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा 01 सितम्बर। इटियाथोक कस्बे में क्षेत्रीय विधायक बिनय कुमार द्विवेदी के अगुवाई में कावरियों का जोरदार स्वागत किया गया। कजरी तीज के प...