गोण्डा। इटियाथोक बाजार में छठ पर्व की तैयारी कई दिन पूर्व से चल रही थी। पूजा को लेकर बाजार में स्थित बिसुही नदी के घाट की साफ-सफाई भी की गई। लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ रविवार को शुरू हो गया है। यहाँ यह पूजा मंगलवार की शाम को घाट पर अनेक व्रती महिलाओ ने जाकर शुरू की, जो बुधवार सुबह भी होगी। बाजार के लोग नदी घाट की सफाई में दिनभर लगे रहे। प्रशासनिक मदद न मिलने के बावजूद लोग श्रमदान से बिसुही घाट की साफ सफाई किये।
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर बाजार में भक्ति और उत्साह का माहौल व्याप्त है, इस वजह बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। खासकर पूजा सामग्री और फलो, मिठाइयो की दुकानों पर महिलाओ की भीड़ देखी गई। पर्व के नेम निष्ठा का प्रतीक रहने के कारण लोगों द्वारा विशेष रूप से स्वच्छता व सतर्कता बरती जा रही है। इस पर्व को लेकर बाजार की अनेक महिलाओ में काफी उत्साह देखा गया। इसी क्रम में मंगलवार शाम को अस्ताचल गामी सूर्य को महिलाओ ने बिसुही के घाट पर पहुंचकर अर्घ्य दिया और पूजा अर्चना किया।
बतादे की इस साल 11 नवंबर से छठ पूजा का महापर्व शुरू हुवा है जो 4 दिन तक मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के प्रमुख त्योहारों में से एक है जो अब यूपी में भी अनेक जगह मनाया जाने लगा है। छठ पूजा के 4 दिवसीय अनुष्ठान में पहले दिन नहाय-खाए दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस बार नहाए-खाए 11 नवंबर को, खरना 12 नवंबर को, सांझ का अर्घ्य 13 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 14 नवंबर को है। बताया जाता है की छठ का व्रत निर्जला व्रत है। सम्पूर्ण बिहार सहित उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों में छठ आस्था व भक्ति के साथ मनाई जाती है।
पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार छठ पर्व पर कई दुर्लभ शुभ संयोग बन रहे हैं जो शुभ फलदायी और समृद्धिदायक हैं। रविवार भगवान सूर्य का दिन माना जाता है इस दिन से छठ आरंभ हो रहा है, 11 नवंबर रविवार को नहाय-खाए पर सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। सांझ के अर्घ्यवाले दिन यानी 13 नवंबर को अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। छठ के अंतिम दिन अर्थात प्रात:कालीन अर्घ्य पर बुधवार 14 नवंबर को सुबह के समय छत्र योग का संयोग बन रहा है। इस योग को धन और समृद्धिदायक माना गया है। हिंदू धर्म में सूर्य को जल देने का बहुत महत्व है और छठ पूजा के पावन पर्व पर ढलते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से कई पापों का नाश होता है।
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