गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक क्षेत्र के लोहशीशा गांव के नरेंद्र पांडे ने गांव की जर्जर सड़क को लेकर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर शिकायत की थी। डीएम ने सड़क का स्थलीय निरीक्षण कर इस विषय से सम्बंधित आख्या अधिशाषी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, प्रखंड गोंडा से अविलंब मांगी थी। मामले में सम्बंधित विभाग के अधिशाषी अभियंता टी0 ऍन0 सिंह ने अपनी रिपोर्ट डी0 एम0 को सौपी है जिसमे कहा है की गांव में जाकर सड़क का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान शिकायतकर्ता और ग्रामीण मौजूद रहे। लोगो द्वारा इनको बताया गया की उक्त सड़क विधायक निधि से वर्ष 2005 में बनवाई गई थी जो अब मरम्मत के योग्य है।
बताते चले की इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र में विगत कई वर्षो से दर्जनों सड़के पूरी तरह क्षतिग्रस्त है, जिनकी वजह से लोगो को आवागमन में भारी दिक्कत हो रही है। सड़को की दशा सुधारने के लिए सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है, बावजूद इसके स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि सड़कें निर्माण के साथ ही टूटने लगती हैं। अधिकारी समय- समय पर निरीक्षण तो करते हैं लेकिन समस्या की गंभीरता की तरफ इनका जरा भी ध्यान नहीं जाता है। वर्तमान समय में ब्लाकक्षेत्र की कई सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है।
इटियाथोक ब्लाकक्षेत्र में अनेक सड़के कई साल से अतिजर्जर है जो लोगो के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। बाबागंज- इटियाथोक मार्ग यहां की लाइफ लाइन है। यह सड़क अनेक ग्राम पंचायत और बाजार के लोगों को ब्लाक मुख्यालय से जोड़ती हैं। सड़क के जर्जर हो जाने के बाद लाखो की लागत से इसकी कई बार अनेक जगह मानकविहीन मरम्मत करायी गयी, लेकिन बनने के साथ ही इसके टूटने का सिलसिला शुरू हो गया।
वर्तमान समय में इस सड़क सहित ब्लाक के अनेक सड़को पर भारी संख्या में छोटे- बड़े गड्ढे बन गए हैं। इलाके में कई सड़को की स्थिति चौपट हो गई है और लोग आवागमन के वक्त अपने वाहनों से इनपर गिरकर चोटिल हो रहे है। जर्जर सड़कों का खामियाजा यहाँ आम जनता को उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सम्बंधित विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि समस्या समाधान की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रहे हैं। लोगों ने अविलंब सड़कों की हालत सुधारने की मांग की है।
क्षेत्र अंतर्गत अयाह राजकीय नलकूप चौराहा से वेदपुर गांव होते हुए रमगढ़िया तक जाने वाली करीब 7 किमी लंबी सड़क कुछ जगह छोड़कर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और जर्जर है। इसकी आंशिक मरम्मत कई बार हुई किन्तु घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने की वजह से न बनते देर लगती है न बिगड़ते देर। ये मार्ग कई जगह पूरी तरह से कच्चा और पथरीला है जो सबसे अधिक दिक्कत लोगो को बरसात में देता है। इस मार्ग का प्रतिदिन आस पास के दर्जनों ग्रामो के सैकड़ो लोग उपयोग करते है जो बरसात के कीचड़ और गंदे पानी सहित इसपर बिखरे पत्थरो में फिसलकर गिरते रहते है।
इसी तरह शिवपुरिया तिराहे से रमगढ़िया गांव होते हुए विशुनपुर तिवारी को जाने वाली पक्की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई है। इसपर चारो तरफ सिर्फ छोटे बड़े पत्थर ही बिखरे नजर आते है जहाँ गिरकर रोज कोई न कोई चोटिल होता है। ग्रामीण बताते है की इसके निर्माण के दौरान भी मानको की खूब अनदेखी हुई और उनके आपत्ति के बावजूद भी कोई सुधार नही किया गया जिसका दुष्परिणाम ग्रामवाशी अब भुगत रहे है। विशुनपुर तिवारी गांव से लखनीपुर को जाने वाला मार्ग अत्यंत खराब है।
ग्रामीण कहते है की वे इलाके के अनेक खराब मार्गो से काफी तंग आ चुके है जिसे बनवाने में पता नही क्यों जिम्मेदार कोई रूचि नही ले रहे है। लखनीपुर से शिवपुरिया तिराहे को आने वाला मार्ग टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पर भी जगह जगह पत्थर बिखरे पड़े है जो आवागमन में बाधा डालते है। इन खराब सड़को को शीघ्र बनवाये जाने की मांग ग्रामीणों ने की है।
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