गोण्डा। जिला पंचायत सभागार में निर्मित एवं निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं के अनुरक्षण एवं संचालन सम्बन्धी एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम प्रधानों व पंचायत सचिवों को योजना के सुचारू संचालन की बारीकियां बताई गई। वहीं कार्यशाला में पहंुचे डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीावस्तव उस वक्त नाराज होकर कार्यशाला से चले गए जब जिले में जल निगम द्वारा पाइप्ड पेयजल योजना के तहत संचालित 68 पाइप्ड पेयजल योजनाओं में मात्र एक परियोजना सुुचारू रूप से संचालित पाई गई।
डीएम ने कार्यशाला में आए हुए ग्राम प्रधानों से सीधे पूछा कि उनकी ग्राम पंचायतों में परियोजनाएं चल रही हैं कि नहीं और लोगों को पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है कि नहीं। परियोजना न चलने की बात बताने वाले प्रधानों में पायरखास, नगवा वजीरगंज , ढोढ़ेपुर तरबगंज, सरैयानान्हू परसपुर, केशवनगर, गंगरौली बेलसा, गुरेटी परसपुर व प्रधान धानेपुर द्वारा डीएम को बताया गया कि उनकी ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है।
डीएम ने कार्यशाला में ही पयेजल योजना के नोडल अधिकारी डीडीओ तथा एक्सईएन जल निगम को कड़ी फटकार लगाई। डीएम के पूछने पर कार्यशाला में आए ज्यादातर पंचायत सचिव डीएम को परियोजनाओं के संचालन की सही स्थिति नहीं बता पाए। नाराज डीएम ने वहीं पर पंचायत सचिवों को सुधर जाने की चेतावनी दी। इसके बाद नाराज डीएम सीडीओ के साथ कार्यशाला से चले गए।
उन्होने कहा कि झूठी रिपोर्टिंग और कार्यशाला का क्या मतलब जब करोड़ो खर्च होने के बाद योजनाएं धरातल पर लागू न करके फर्जी रिपोर्टिंग की जा रही है। पाइप्ड पेयजल परियोजना में घटिया पाइप इस्तेमाल करने की सबसे ज्यादा शिकायत प्राप्त हुई। डीएम ने कार्य करने वाली फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर करने के आदेश दिए हैं वहीं परियोजना के तहत नियुक्त जिला कार्यक्रम प्रबन्धकों का वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान डीडीओ रजत यादव, डीपीआरओ घनश्याम सागर, सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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