गोण्डा : इटियाथोक क्षेत्र में पहुंचे हजारो गैरजनपदीय मेलार्थियों का ग्रामीणों ने जगह जगह किया स्वागत// प्रदीप पाण्डेय,
गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)....
इटियाथोक बिकास खंड क्षेत्र के अयाह गांव में पोखरे पर बुधवार शाम को हजारों गैर जनपदीय देवीभक्त पहुंचे। यह लोग पैदल देवीपाटन मंदिर के लिए अपने घरों से हर साल चैत्र नवरात्रि के आरंभ में निकलते हैं। जो नवरात्रि के अंत में देवीपाटन पहुंचकर माता के दर्शन करते हैं। प्रत्येक चैत्र नवरात्र में इनकी यह अत्यंत कठिन यात्रा करीब 10 दिन की होती है। इनको लोग "भुजवा का मेला" भी कहते हैं।
यह मेलार्थी रात भर अयाह के पोखरे पर मौजूद रहे और यहाँ भोजन व विश्राम किए। गुरुवार की अलल सुबह अपनी आगे की यात्रा के लिए यहां से सभी मेलार्थी गाते बजाते हुए पैदल निकल पड़े।
अमानीगंज फैजाबाद के बकचुना गांव के 50 वर्षीय मेला प्रमुख सत्रोहन गुप्ता ने बताया कि मेले में फैजाबाद, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर आदि जिलों से अनेक लोग चैत्र नवरात्र के आरंभ में देवीपाटन के लिए पैदल निकलते हैं। इस बार 10 हजार से अधिक इनकी संख्या बताई।
सभी के लिए अयाह में जलपान, भोजन, दवा, पेयजल, जरनेटर, प्रकाश और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था गांव के प्रधान अमेरिका प्रसाद ने समाजसेवियों और आमजनता के सहयोग से निःशुल्क करवाया। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर इटियाथोक पुलिस टीम मौजूद रही। जिले के आलाधिकारियों के सहयोग से मेलार्थियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से गोण्डा नगर और खरगूपुर से कुल मिलाकर दो टैंकर पानी की व्यवस्था भी करवाई गई थी।
मेला प्रमुख ने बताया कि इस मेले में उनके स्वयं के परिजन सहित कई जाति और धर्म के लोग मौजूद होते हैं। कहा की यात्रा में तमाम पढ़े लिखे और व्यवसायो से जुड़े प्रतिष्ठित लोग भी आते हैं। इनमे वृद्ध, बच्चे और युवा सहित महिला- पुरुष सभी शामिल होते हैं। बताया की यह परंपरा कई दशक पुरानी है जिसे यह लोग आज भी निभा रहे हैं। पूर्व में लोग देवी दर्शन के बाद पैदल ही घरों को रवाना होते थे, लेकिन समय की कमी के चलते अब यह लोग दर्शन के बाद देवीपाटन से अपने घरों को ट्रेन अथवा अन्य साधनों से वापस लौटते हैं।
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