Wednesday, March 20, 2019

गोण्डा : इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र में समस्याओ की भरमार, मौन बने इसके जिम्मेदार// प्रदीप पाण्डेय,

गोण्डा (प्रदीप पाण्डेय)। इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र के लोग अब भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार चाहे जो भी रही हो लेकिन क्षेत्रवासियों की इन दिक्कतों को खत्म करने में रुचि किसी ने नही लिया। ऐसे ही क्षेत्र में कई समस्याएं जनता के लिये मुसीबत साबित हो रही है। जिससे लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। सड़क, हैण्डपम्प, राजकीय नलकूप सहित स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इलाकाई लोगो के लिए चाहे जो लाभप्रद योजनाएं सरकार लागू करती है। लेकिन धरातल पर ध्वस्त नजर आती है।

कुछ जिम्मेदारों के मनमानी और लापरवाही के चलते योजनाये यहाँ ठीक से लोगो तक पहुंच नहीं पाती। इलाके में अगर सड़कों की बात करें तो बीते कई दशकों में यहां पर जितनी भी ग्रामीण सड़कें बनवाई गई सभी मानकविहीन रही जो बनाने के कुछ महीने और साल बाद ही टूटने लगी। ब्लाक क्षेत्र की दर्जनों सड़कें ऐसी है जिसपर लोग जान हथेली पर रखकर आवागमन करते हैं। आए दिन इन पर बिखरे पत्थरों में लोग साइकिल और बाइक से गिरकर चोटिल हो रहे हैं जिसकी तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है।

इसी तरह अगर हैंडपंप की बात करें तो सरकार ने भारी भरकम रकम खर्च करके ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारी संख्या में इंडिया मार्का हैंडपंप तो लगवा दिए लेकिन देखरेख के अभाव में अनेक जगहों पर यह वर्षों से खराब पड़े हैं जिसकी तरफ झांकने वाला कोई नहीं है। अनेक जगह दूषित और रेतयुक्त जल भी निकल रहे है। कई ग्रामो में लोग छोटे नलों के दूषित जल पीने को मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में लगभग 3500 से भी अधिक इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं जिनमें से 25% खराब है। किसानों के हितों को देखते हुए फसलों के सिंचाई के लिए इलाके में राजकीय नलकूपों की स्थापना की गई थी।

ब्लॉक में इनकी संख्या 69 बताई जा रही है, इनके रखरखाव और मरम्मत में भी काफी पैसे खर्च होते हैं परंतु इन पर वास्तव में लगाया कितना जाता है यह कोई नहीं जानता, इसीलिए यह नलकूप अक्सर खराब ही रहते है। ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत अनेक जगहों पर सालों से यह खराब पड़े हुए हैं ऐसे में किसानों को फसलो की सिंचाई में काफी दिक्कत आती है। इलाके के किसानों शुक्ला प्रसाद शुक्ला, दुर्गेश मिश्रा, मनोज तिवारी आदि की मानें तो इटियाथोक क्षेत्र में ऐसे खराब नलकूपों की संख्या भी दो दर्जन के करीब है। बताया जा रहा है की कहीं पर इनमे विद्युत दोष है तो कहीं पर इनका मोटर खराब हैं, जिनको दूर करने में कोई रुचि नहीं ले रहा है।

इसी प्रकार किसानों के हितों को देखते हुए फसलों की सिंचाई के लिए क्षेत्र में सरजू नहर की शाखाएं भी निर्मित करवाई गई। इनके साफ़ सफाई और रख रखाव पर लाखो करोङो खर्च भी हो रहे है लेकिन इसका भी किसानो को कोई लाभ नही। स्थानीय किसानों की मानें तो इनमे जरूरत के समय बूंदभर पानी नहीं रहता है ऐसे में फसलों की सिंचाई बाधित होती है। बताया गया की इनमें ऐसे समय में पानी छोड़ दिया जाता है जब पानी की कोई जरूरत नहीं होती है बल्कि उसके आने से किसानो की तैयार फसल बर्बाद होती है।

अगर स्वास्थ्य विभाग की बात करें, तो ग्रामीणों की दिक्कत को देखते हुए इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में 30 सैया मेटरनिटी विंग की स्थापना कई साल पहले की गई। इसके बन जाने के बाद ग्रामीणों को बड़ी खुशी हुई थी। कि अब उनको स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गोंडा, बलरामपुर अथवा अन्य कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा। लोगो का दुर्भाग्य है कि इसके भवन पर अब गंदगी जमा हो गई है। यह अब रंग बिरंगा से काला हो गया है। बताते चलें कि विभागीय लापरवाही के चलते अभी तक यह आम जनता के सेवा में हाजिर नही हो पाया है। इसके पीछे वजह क्या है और जिम्मेदार कौन है यह भी लोग नहीं बता पा रहे हैं।

इसी प्रकार ब्लॉक मुख्यालय से सटे हुए शंकर चौराहा पर मौजूद आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से लाखों करोड़ों खर्च करके कई साल पूर्व विशाल पानी की टंकी का निर्माण सरकारी योजना के तहत करवाया गया था। टंकी के आसपास अंदर जमीन में पाइप डालकर कुछ टोटिया भी लगवाई गई थी, लेकिन इसका लाभ भी लोगो को नहीं मिल पाया। इलाके के लोगों की माने तो इसके बनवाने में चाहे जितनी भी रकम खर्च हुई हो लेकिन इसका लाभ लोगों को एक फीसद भी नहीं मिल पाया। टोंटियां और पाइप इतने घटिया थे कि वह सड़कर और टूटकर कहां गए कुछ नहीं पता। फिलहाल यहाँ पर विशाल टंकी हाथी के दिखावटी दांत की तरह खड़ा हुआ है। ब्लॉक के अधिकारियों से पूछने पर ज्ञात हुआ कि जल निगम द्वारा इसका निर्माण वर्षो पूर्व करवाया गया था। जबकि जल निगम के अवर अभियंता का कहना है कि हमारे जानकारी में नहीं कि इसे किस योजना में कब बनवाया गया।

फिलहाल इलाके के इन जनसमस्याओ के लिए जिम्मेदार चाहे जो भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि हो लेकिन आम जनता इसको केंद्र सरकार या राज्य सरकार की लापरवाही और लचर व्यवस्था बता रही है। लोगो का कहना है की अगर सर्कार चाहती तो यह स्थित यहाँ नही उत्पन्न होती। कुल मिलाकर क्षेत्र में अनेक समस्याएं मौजूद है, इलाके के लोग काफी परेशान है। इस वजह लोगो में सर्कार के प्रति भारी आक्रोश भी व्याप्त है।

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